किशोर कुमार तिवारी के जीवन, Roti Bank के स्थापना की पिछे की रोचक कहानी जानने के लिए नीचे ब्लू Color Link पर क्लिक करें :-
किशोर कांत तिवारी जो ऑल इंडिया रोटी बैंक ट्रस्ट के संस्थापक थेे। जी हां किशोर कांत तिवारी इस "द्फाउंडर ऑफ ऑल इंडिया रोटी बैंक ट्रस्ट" वह आज हमारे बीच नहीं रहे, सुन करके उनके अनुयायियों एवं पूरे देश के लोगों में शोक की लहर है, क्योंकि किशोर कांत तिवारी एक महान व्यक्ति थे। उन्होंने यह संकल्प लिया था कि पूरे भारत भर के गरीब, असहाय, भिखारियों एवं जरूरतमंदों को मुफ्त में दो वक्त की रोटी उपलब्ध कराएंगे और उनके रहते कोई भूखा नहीं सो सकता ।
किशोर कांत तिवारी सासाराम बिहार के रहने वाले थे । जो शुरू से ही एक मेधावी छात्र थे और उन्होंने सासाराम से इंग्लिश से ग्रेजुएशन किया था । आगे उन्होंने सेफ्टी मैनेजमेंट का कोर्स किया और हैदराबाद में 2009 से 2012 तक एक कंपनी में सेफ्टी ऑफिसर के पद पर कार्य किया । आगे धीरे-धीरे उनका तबीयत बिगड़ा डॉक्टरों से दिखाने पर पता चला कि पेट में दर्द है। उसके बाद डॉक्टरों की सलाह पर वे पेट का इलाज कराने हैदराबाद से बनारस आ गए। जहां डॉक्टरों ने बताया कि उनके आंत में ट्यूमर है । उन्हें इसके इलाज के लिए लंबे वक्त तक बनारस में रुकना पड़ेगा। अब वे 2012 में पेट में प्रॉब्लम का इलाज कराने के उद्देश्य से अपने मां- पापा के साथ बनारस के महेश नगर में शिफ्ट हो गए।
2017 में एक बार वे बनारस के अस्सी घाट पर घूम रहे थे तभी उन्होंने देखा कि एक कचरे के ढेर में बोरी से निकाल कर एक गरीब भूखा व्यक्ति रोटी पानी से धोकर खा रहा है । यह देखने के बाद किशोर कांत तिवारी का कलेजा पसीज गया और उनकी अंतरात्मा कांप गई और उनके रोंगटे खड़े हो गए, इसके बाद उन्होंने "ऑल इंडिया रोटी बैंक" संस्था का स्थापना किया। जिसमें गरीब, असहाय एवं जरूरतमंदों को दो वक्त की रोटी उपलब्ध कराया जाता है। कुछ लोगों को उन्होंने एक कट्ठा किया, मोटिवेट किया 23 जून 2017 में ऑल इंडिया रोटी बैंक ट्रस्ट का स्थापना की । इस प्रकार धीरे-धीरे लोग इस तरफ से जुड़ते गए और रेगुलर तौर पर रोटी दान करते गए और धीरे-धीरे इस ट्रस्ट का ब्रांच अन्य शहरों में भी खुलता गया। जहाँ जरूरतमंदों को रोटी उपलब्ध कराया जाता था ।
इतना ही नहीं लॉकडाउन के दौरान भी किशोर कांत तिवारी जरूरतमंदों के बीच राशन, रोटी खाना एवं अन्य सामानों को उपलब्ध कराया। देेश सेवा करते रहे और खुद एक दिन कोरोना से पीड़ित हो गए, उनके दोस्त ने उन्हें बनारस भर्ती कराया जहां कोरोनावायरस से 5 दिन तक चले इलाज में लगभग 40 % Recover हो गया था लेकिन 15 अप्रैल 2021 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। मरने से पहले उन्होंने देशवासियों के नाम एक संदेश छोड़ा जिसमें उन्होंने बताया था कि लोगों को कैसे कोरोनावायरस से बचना पड़ेगा। यह बीमारी कितना खतरनाक है।
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