डॉ० ए० पी० जे० अब्दुल कलाम
डॉ० ए० पी० जे० अब्दुल कलाम का पूरा नाम क्या था और उनका जन्म कब और कहां हुआ था ?
डॉ० ए० पी० जे० अब्दुल कलाम का पूरा नाम अबुल पकीर जैनुल अबीदीन अब्दुल कलाम था | भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 का
मिलनाडु के रामेश्वरम् में हुआ था। वे ट्रीची के संत जोसेफ से स्नातक किये 'मद्रास इन्च्यूसट ऑफ टेक्टनोलॉजी' से उन्होंने 'ऐरो-इंजीनियरिंग' में विशेषज्ञता हासिल की ।
१९ में उन्होंने 'डिफेंस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन' में योगदान दिया। पाँच साल बाद 'इंडियन स्पेश रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन' में वे नियुक्त हो गये ।
डॉ० कलाम की प्रतिभा प्रारंभ में ही पहचानी जा चुकी थी । उनकी रुचि रॉकेट मेंं थी, जबकि वह उनके विशिष्ट कार्य-क्षेत्र में नहीं था | इ स रो में निदेशक के रूप में उन्होंने एस०एल०भी०-III के विकास एवं व्यवस्था में योगदान दिया, जिससे 'रोहिणी' अंतरिक्ष की 1980 में स्थापना हो सकी । इस प्रोजेक्ट में लगभग दस वर्षों का समय लगा । लेकिन
पहली बार वे असफल हो गए ।
डॉ० कलाम ने इसकी पुरी जिम्मेवारी अपने ऊपर ले ली । डॉ० कलाम इस असफलता से निराश नहीं हुए । उनका समर्पण और प्रेरणा दूसरी बार में सफलता हासिल की । डॉ० कलाम ने 1982 में विक्रम साराभाई स्पेश सेण्टर को छोड़ दिया | निदेशक के रूप में वे हैदराबाद रिसर्च सेण्टर में योगदान दिये । यहीं वे मिसाइल पर गंभीर कार्य किये ।
यह कार्य के प्रति उनका यही समर्पण था कि ' नाग', 'आकाश', 'त्रिशूल', 'पृथ्वी' और 'अग्नि' अस्तित्व में आये । डॉ० कलाम मिसाइलमैन के रूप में जाने जाते हैं । वे कुँआरे हैं । वे शांति- प्रेमी हैं । वे क्लासिकल संगीत पसंद करते थेंं । वे तमिल में कविताएँ लिखते थें। वे वीणा बजाते थें । वे बहुत ही अध्ययनशील हैं । 1997 में उन्हें 'भारतरत्न' से नवाजा गया । 2001 में वे भारत के राष्ट्रपति बने ।
डॉ० कलाम भारत के सच्चे सपूत हैं । उनकी सरलता, शालीनता, नम्रता और चिंतनशीलता उन्हें अद्वितीय व्यक्तित्व प्रदान करते हैं । वे बच्चों से प्रेम करते हैं । वे विद्यार्थियों से प्रेम करते हैं और उन्नति के मार्ग पर बढ़ने को प्रोत्सौहित करते हैं । राष्ट्र को उन पर गर्व है । डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम जैसे सच्चे देशभक्त बहुत कम ही पैदा होते हैं | जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन देश और देश की सेवा में समर्पित कर दिया हो | वो भारत के ऐसे व्यक्ति, नागरिक, वैज्ञानिक और नेता थे जिन्हें भारत के हर वर्ग, हर श्रेणी के लोगों से प्यार मिला |
डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम भारत के 11 वें राष्ट्रपति थे | जिनका निधन 11 जुलाई 2015 को शिलांग के एक कॉलेज में छात्रों को पढ़ाते व्यक्त दिल के दौरा पड़ने से हो गया | आप हमेशा अमर रहेंगे | आप हमेशा छात्रों के लिए प्ररेणा दायक रहेंगे | आप हमेशा आदरणीय और पूजनीय रहेंगे |
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