दिपावली 2020 कब और कैसे मनाई जाएगी, दिपावली 2020 पूजा विधि

 

Dipawali 2020 :-    
                       
 इस वर्ष 2020 में दिवाली 14 नवंबर को मनाई जाएगी

दीपावली हिंदुओं का सर्वश्रेष्ठ त्योहारों में से एक है । जिसे भारत समेत विश्व के लगभग सभी देशों में मनाया जाता है जहां हिंदू समुदाय के लोगों  रहते हैं । दीपावली का त्यौहार हर वर्ष अक्टूबर महीने के अंत में या नवंबर के शुरुआत में मनाया जाता है जो हिंदू कैलेंडर से कार्तिक महीने के अमावस्या के दिन मनाया जाता है । इस दिन मिट्टी से बने दिये में घी या सरसों तेल के दीपक जलाए जाते हैं ।  इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है । ऐसा माना जाता है दीपावली के दिन धन की देवी लक्ष्मी घर- घर आती है और अपने भक्तजनों को आशीर्वाद तथा धन - धान्य से परिपूर्ण करती हैं ।

 दीपावली को मनाने का एक दूसरा  खास वजह भी है,  रामायण काल के दौरान जब भगवान राम ने रावण का वध किया था  और रावण के भाई विभीषण को लंका का राजा बनाने के पश्चात अयोध्या लौटे ,तो उसके पश्चात जब भगवान राम अयोध्या लौटे थे तो अयोध्या वासियों ने संपूर्ण अयोध्या को दीपक जलाकर सजाया था और भगवान राम की स्वागत किया था । तभी से यह दीपावली के त्यौहार मनाया जा रहा है । अभी भी भारतवर्ष के लोग अपने घरों को सजाते हैं, ऐसा मानते हैं कि भगवान राम और धन की देवी लक्ष्मी उनके घर इस दीपावली के दिन आते हैं ।

 दीपावली के त्यौहार के पूर्व से ही लोग अपने घर को जाने बहार ने तथा साफ सुथरा करने लगते हैं । सभी लोग अपने घर की अच्छी तरह से सफाई कराते हैं तथा घरों को रंगाई पुताई भी करवाते हैं । ऐसी मान्यता है कि जो घर साफ सुथरा रहता है घर में माता लक्ष्मी प्रवेश करती हैं । माता लक्ष्मी उस घर को और धन - धान्य से भर देती हैं । इस दिन माता लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान गणेश और माता सरस्वती की भी पूजा की जाती है । व्यापारी तथा दुकानदार लोग अपने दुकानों में  इस दिन  पंडित  जी को बुलाकर पूजा अर्चना करवाते हैं ।

 दीपावली का त्यौहार लगभग 7 दिनों तक मनाया जाता है। कार्तिक मास की अमावस्या के दिन तथा इसके अगले दिन या कहीं - कहीं एक दिन पूर्व  दिवाली के 1  छोटी दिवाली के रूप में मनाया जाता है । इस दिन लोग एक दूसरे के घरों में जाकर शुभकामनाएं देते हैं, मिठाई खाते तथा खिलाते हैं, साथ ही साथ लोग एक दूसरे के घर उपहार लेकर भी जाते हैं । इसके अलावा बड़े - बड़े या छोटे उद्योगों या कारखानों से अपने यहां काम करने वाले वर्करों को कुछ ना कुछ उपहार दिया जाता है।
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