बिहार का सीवान जिला जहां जन्मे भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद, महाभारत के गुरू द्रोणाचार्य तो ठग नटवर लाल और शहाबुद्दीन भी।

        SIWAN JILA :- Dr Rajendra Prasad, Guru Dronacharya, Mahendra Nath Temple, Sahaabuddin, Natwarlal 

सीवान जिला बिहार राज्य में स्थित है | जो बिहार राज्य ही नहीं भारत समेत पूरे विश्व में विख्यात है | इसकी समय - समय पर अलग - अलग लोगों ने अपने कर्मों से अलग - अलग पहचान दिया | इस धरती ने देश को प्रथम राष्ट्रपति दिया,महाभारत कालीन गुरु द्रोणाचार्य, स्वतंत्रता सेनानी मौलाना मजरुल हक को दिया | तो वही अपराध के दुनिया में भी इस जिला का अलग पहचान था | इसी जिला के रहने वाले नटवर लाल  भी थें | जिनके ठगी के   किस्से आज भी  पूरे देश में प्रसिद्ध है | इतना ही नहीं  इनके ऊपर   कई  बॉलीवुड की फ़िल्में भी बन चुकी हैं | इसी जिला के रहने वाले हैं बाहुबली पूर्व सांसद डॉ मोहम्मद  शहाबुद्दीन , जिनका  अपना अलग पहचान  और   कहानियां हैं | इनसे  भी इस  जिला की अलग पहचान  है |

                                        जब ये संसद हुआ करते थे तो इनका अपना अलग रुतबा और पहचान थी | बिहार राज्य के सियासत में इनकी इतनी पकड़ थी कि ये राज्य के राजनीतिक हवाओं को भी अपने हिसाब से मोड़ देते थें | जिनके समय में सीवन और शहाबुद्दीन दोनों को एशिया के कई देशों के लोग जानते थे | फिलहाल तो ये जेल में बंद हैं और इनपर अभी कई आपराधिक केस हैं | जेल में  अपनी सजा काट रहे हैं | इसी जिला के रहने वाले नटवर लाल भी थें | जिनके ठगी के किस्से और कहानिया आज भी सुना - सुनाया जाता है | कहा  जाता है कि इन्होंने अंग्रेजो से ताजमहल और लालकिले को अपना बताकर कई बार बेच दिया था | ऐसा भी कहा जाता है कि ये स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के सहपाठी थें | डॉ राजेंद्र प्रसाद का जन्म सीवान जिले के जिरादेई गांव में हुआ था और नटवर लाल का जन्म उन्हीं के बगल के गांव रूईया बंगरा में हुआ था |

सीवान जिला की प्रसिद्ध स्थानें -

 सीवान जिला के सिसवन प्रखंड में प्रसिद्धि बाबा भोलेनाथ की  मन्दिर है | जो एक  पवित्र तीर्थ स्थान  और पूरे  भारत में  बाबा महेन्द्र नाथ के मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है |   इसके  अलावा यहाँ  जिला मुख्यालय  से 30 Km दूर गुठनी में सोहागरा का प्रसिद्ध मंदिर है |  जो बाबा भोलेनाथ (बाबा हँसनाथ) मन्दिर है | इसी जिला के अनुमंडल महाराजगंज के मिरगंज के हथुआ मे  हथुआ नरेश का  भव्य  महल एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है | इसके अलावा इसके सीमा से सटे  गोपालगंज जिला मे माँ  दुर्गा का पवित्र जावें मे थावे वाली माता का प्रसिद्ध मंदिर है |  इसके  साथ -  साथ भारत के प्राथम  राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की जन्म  स्थाल जिरादेई भी है |  जहाँ लोग उनका  घर देखने आते हैं |

सीवान जिला का इतिहास - 

सीवान : माना जाता है कि महाभारत के  गुरु द्रोणाचार्य, पांडवों और  कौरवों के गुरु  थे | वह इसी  जिला के दरौली  प्रखंड के दोन गांव के  रहने वाले  थें | द्रोणाचार्य के नाम पर ही इस गांव का नाम दोन पड़ा | जिला   पहले सारण जिला का एक प्रमंडल  था | 8 वीं शताब्दी में  यह  बनारस राज्य का हिस्सा था | मुस्लिम समुदाय के लोग  यहां 13 वीं शताब्दी में  आए | 15 वीं सदी में  सिकंदर  लोधी  ने  इसे  अपने  अधीन  कर लिया | बाबर अपने यात्रा के दौरान यहां  की घाघरा नदी को   पार किया था | 1776  में एक  बहुत बड़ा युद्ध  हुआ, जिसे  इतिहास में बक्सर के युद्ध  से जाना जाता है | इस युद्ध के बाद यह  बंगाल  का हिस्सा बन गया | 1972  मे जिला विभाजन    में इसे एक  अलग जिला बना  दिया गया | इसे पहले अलीगंज के  नाम से  जाना जाता था |

स्वतंत्रता के लडाई मे इसका महत्वपूर्ण योगदान रहा है | इस जिले का कुल क्षेत्रफल 2219 किलोमीटर वर्ग है और 2011 के जनगणना के अनुसार यहाँ की कुल जनसंख्या 3318176 है | यहां के लोग शिक्षित हैं | लेकिन यहां के चुनावों में लोग जातिवाद और धर्मवाद   पर  विश्वास रखते हैं और इसी  को   केंद्र में रखकर वोट भी  देते हैं |  यहां के ज्यादातर लोग अपने  रोजगार के लिए खाड़ी  देशों में   पलायन करते हैं | पूरे राज्य में   सबसे अधिक विदेशों से पैसा सीवान जिला  में  ही  आता है |


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