विज्ञान के इतिहास का सबसे डरावना और अजूबा खोज, मृत व्यक्ति को जीवित करने का खोज

                  Robert E Cornish


Robert E Cornish 


विज्ञान के इतिहास का सबसे डरावना खोज  रोबर्ट ई कार्निस द्वारा  किया गया था । रोबर्ट ई कार्निस  ने अपने जीवन के इतिहास में कुछ ऐसे अजीबोगरीब एक्सपेरिमेंट किए की दुनिया उन्हें 'मेड साइंटिस्ट' के नाम से पुकारती है । कार्निस यूनाइटेड स्टेट के रहने वाले थे, जिनका जन्म 21 दिसंबर 1903 ईस्वी में हुआ था । डॉ कार्निस ने अपना पूरा जीवन यह खोज करने में लगा दिया की मृत व्यक्ति को कैसे जीवित किया जाता है और उन्होंने ऐसा सिद्ध करके भी दिखाया कि कैसे एक मरे हुए जीव को जीवित किया जा सकता है ।

बात है सन 1933 की जब रोबर्ट ई कार्निस  ने यह ठान लिया कि वे अपने एक्सपेरिमेंट के द्वारा मृत को जीवित करके दिखाएंगे । सिद्ध करने के लिए  डॉक्टर  कार्निस ने कई उपकरणों की सहायता ली जिसमें से मुख्य था टिटर बोर्ड ,  जिससे बच्चे गार्डेन या स्कूल में अप एंड डाउन खेलते हैं । लेकिन यह प्रयोग सफल नहीं हो पाया | डॉक्टर कार्निस का मानना था कि यदि मृत शरीर में किसी भी प्रकार से रक्त का परिवहन फिर से चालू कर दिया जाए या किसी भी उपकरण से रक्त का परिवहन शरीर में होने लगे तो मृत भी जीवित अवस्था में आ सकता है ।

फिर उन्होंने अपने प्रयोग के लिए 5 कुत्तों को लिया |  जिन्हें बारी-बारी से नाइट्रोजन का सुई देकर मार दिया । फिर  उनमें  रसायनिक मिक्चर का सुई देकर और उनके मुंह पर ऑक्सीजन लगाकर जीवित किया | जिसमें तीन कुत्ते कोमा में चले गए लेकिन चौथे और पांचवे कुत्ते फिर से जीवित हो गए लेकिन चौथा कुत्ता बिना किसी सहारे के खड़ा नहीं हो पा रहा था और पांचवा कुत्ता 3 दिन बाद नार्मल हो गया |

उसके बाद सन 1947 ईस्वी में डॉक्टर कार्निस  ने यह ठान लिया कि अब यह प्रयोग मानव पर किया जाएगा । इसके लिए उन्होंने एक व्यक्ति को राजी भी कर लिया था | जिसे कोर्ट ने एक बच्चे की हत्या के आरोप में फांसी की सजा दी थी । लेकिन जब डॉक्टर रोबर्ट ई कार्निस ने उसके मृत शरीर को जीवित करने का परमिशन अदालत से लेने गए  तो अदालत ने यह कह कर मना कर दिया कि यदि उस मृत व्यक्ति को पुनः जीवित किया जाएगा तो उसे जेल से छोड़ना पड़ेगा |  अदालत से अनुमति नहीं मिलने पर डॉक्टर कार्निस का दिल टूट गया और उन्होंने प्रण कर लिया कि जीवन में अब ऐसा नहीं करेंगे हालांकि जीवित किए गए कुत्ते कितने दिन तक जीवित रहे, इसका कोई  लिखित प्रमाण नहीं है । हालांकि डॉ रोबर्ट ई कार्निस के इस एक्सपेरिमेंट पर एक फिल्म भी बन चुका है,  जिसका नाम है 'लाइफ रिटर्न' इस फिल्म में खुद डॉक्टर कार्निस ने काम किया है एक्सपेरिमेंट का ओरिजिनल वीडियो भी इस फिल्म में डाला गया है | यह फिल्म अभी भी यूट्यूब पर मौजूद है ।

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