गणेश चतुर्थी पर्व के बारे में सम्पूर्ण जानकारी | भगवान गणेश की पूजा कैसे करें ?
गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है । भगवान गणेश का जन्म जिस तिथि को हुआ था, उस तिथि को पूरे विश्व में गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है । भगवान गणेश का जन्म भद्रा, चतुर्थी, शुक्ल को हुआ था अर्थात कहने का अर्थ यह है कि भगवान गणेश का जन्म भादो महीने के चतुर्थी तिथि को हुआ था | इसी तिथि को पूरे विश्व में गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाता है | जगह-जगह रंगीन पंडालें बनाई जाती हैं और उसमें एक-से-सुंदर एक मूर्तियां स्थापित की जाती हैं । भगवान गणेश देवों के देव महादेव और माता पार्वती के सबसे छोटे पुत्र हैं । जिन्हें उनके 108 नामों से जाना जाता है ।
भगवान गणेश कला, विज्ञान और ज्ञान के देवता हैं । इन्हें विघ्न संघारक भी कहा जाता है अर्थात यह विघ्न कोे, बाधाओं को हरने वाले देवता है । इसलिए इनका नाम विनायक भी है । इनका सिर हाथी के सिर के समान है इसलिए इनका नाम गजानन भी है । गणेश चतुर्थी का पर्व पूरे 10 दिनों तक मनाया जाता है | जो भद्रा पक्ष चतुर्थी से शुरू होकर अगले 10 दिनों तक चलता है । वैसे तो गणेश चतुर्थी का पर्व सम्पूर्ण भारत समेत पूरे विश्व में धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन इस त्यौहार का विशेष उमंग और उत्साह भारत के महाराष्ट्र और मुंबई में देखा जाता है | इसके अलावा यह त्यौहार बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, कर्नाटक आदि राज्यों में मनाया जाता है ।
भगवान गणेश को मोदक अर्थात लड्डू बहुत पसंद है इसलिए इनकी आराधना करते वक्त पूजा करते वक्त इन्हें अवश्य रूप से लड्डू का भोग लगाना चाहिए । रिद्धि- सिद्धि भगवान गणेश की पत्नियां है । किसी भी अवसर, कार्यक्रम, त्यौहार या शुभ काम में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है । यह वरदान उन्हें भगवान शिव ने उन्हें दिया था कि किसी काम में सबसे पहले गणेश की पूजा की जाएगी नहीं वह तो कार्यक्रम सफल नहीं हो पाएगा और उसमें कोई विघ्न पड़ेगा । जिस भी जगह पर या चौकी पर भगवान गणेश की प्रतिमा फोटो रखनी हो उसके ऊपर लाल वस्त्र से सजा दे | इसके अलावा भगवान गणेश को लाल और पीले फूल चढ़ाएं । एवं भगवान गणेश को खुश करने के लिए ओम गणाधिपत्ये नमः मंत्र के जाप करें ।
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