गुरु नानक देव जी के जीवन, विचार, जन्म, मृत्यु और जीवन संघर्षों के बारे में सबकुछ जानिए हिन्दी में


गुरु नानक देव जी का जन्म कब और कहां हुआ था :-

गुरु नानक देव जी का जन्म कार्तिक पूर्णिमा को 1469 ईस्वी को हुआ था, जो सिखों के प्रथम गुरु थे। इनका जन्म पाकिस्तान के रायपुर की तलवंडी अर्थात वर्तमान के ननकाना साहब, पंजाब, पाकिस्तान में हुआ था। गुरु नानक देव जी एक बहुत बड़े सिद्ध पुरुष, धर्म सुधारक, विचारक, कवि एवं लेखक थे, जिन्होंने अपने विचारों से अपने ज्ञान से दुनिया को  प्रकाशमान किया। 

गुरु नानक देव जी का परिवार, माता - पिता, पत्नी और शादी के बारे में :-

 गुरु नानक देव जी का जन्म एक हिंदू परिवार में रावी नदी के किनारे हुआ था । पिताजी का नाम लाला कल्याण राय जी उर्फ मेहता कालू जी था और उनकी माता जी का नाम तृप्ता देवी था। गुरु नानक देव जी जब मात्र केवल 16 वर्ष की आयु के थे तो उनकी शादी  सुलखनी देवी से हो गया। जिनसे दो पुत्र हुए, जिनका नाम श्री चंद और लख्मीचंद था । 

गुरु जी की धार्मिक यात्रा और धर्म प्रचार :-

 शादी और 2 पुत्र हो जाने के बाद गुरु नानक देव जी धार्मिक यात्रा पर अपने चार साथियों के साथ निकल गएँ और लोगों को अपने विचारों से ज्ञानानवित्त करते रहे, 1521 तक इन्होंने अपनी यात्रा के तीन चक्र पूरा कर लिए। जिसमें इन्होंने भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान समेत कई देशों की यात्रा की और इनसे लोग जुड़ते चले गए और सिख धर्म अपनाते चले गए। एक समय में इब्राहिम लोदी ने इन्हें गिरफ्तार करवा के कारागार में डलवा दिया। जिसके पश्चात पानीपत का युद्ध हुआ और बाबर भारत का शासक बना और गुरु साहब को रिहा कर दिया गया। 

गुरु नानक देव जी की मृत्यु और उत्तराधिकारी :-

 गुरु नानक देव जी भक्ति काल के कवि थे जो ईश्वर के भक्ति में मगन होकर जिन भजनों और गीतों को गाया करते थे उन्हें एक जगह संग्रहित किया गया है। देव जी के शिष्य भाई लहना इनके उत्तराधिकारी बने जो आगे चलकर के गुरु अंगद देव जी के नाम से प्रसिद्ध हुए। गुरु नानक देव जी की मृत्यु 22 सितंबर 1539 ईस्वी को करतारपुर में हो गया, जिनका स्मारक करतारपुर में बना हुआ है। 
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