प्रणव मुखर्जी का जन्म 11 दिसम्बर, 1935 को एक बंगाली परिवार में हुआ था । उनका जन्म पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला के मिराटी गाँव में हुआ था इनके पिता
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय थे । उनका नाम कामदा किंकर मुखर्जी था । वे पश्चिम बंगाल के विधान परिषद के सदस्य सन् 1952 से 1964 तक रहे । प्रणव मुखर्जा
के माता का नाम राजलक्ष्मी मुखर्जी था । प्रणव मुखर्जी ने अपनी शिक्षा सूरी में शुरू किया । ये सूरी विद्यासागर महाविद्यालय में पढ़े । महाविद्यालय कलकत्ता विश्वविद्यालय से सम्बद्ध था । ये राजनीतिविज्ञान एवं इतिहास में एम०ए० हैं ।
मुखर्जी ने अपना कैरियर डाक-तार विभाग में एक अपर डिवीजन क्लर्क के रूप में डिपुटी अकाऊंटेंट जनरल के कार्यालय, कलकत्ता में शुरू किया। 1963 में विद्यासागर
कॉलेज में ये राजनीतिविज्ञान पढाने लगे । इन्होंने पत्रकार का कार्य भी किया।
मुखर्जी अपना राजनैतिक कैरियर 1969 में शुरू किये । ये बड़े सक्रिय राजनैतिक कार्यकर्ता थे । तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमति इंदिरा गाँधी ने मुखर्जी के प्रतिभा को पहचाना।
उन्होंने इनको अपनी काँग्रेस पार्टी में शामिल कर लिया । 1969 में ही इन्हें रज्यसभा में एक सीट दिया गया । वे इस पद के लिए 1975, 1981, 1993 और 1999 में पुनः निर्वाचित्र
मुखर्जी की राजनैतिक सूझ-बूझ एवं सरकार में लम्बे अनुभव ने इन्हें अनेकों पदों को प्राप्त करने के गोग्य बनाया अनेकों बार इन्हें मंत्री बनाया गया । अति महत्त्वपूर्ण मंत्रालय, जैसे- कॉमर्स, प्रतिरक्षा, विदेश एवं वित्त मंत्रालयों के ये मंत्री बने । इन मंतरी
पदों के अलावे बहुत सारे विभागों के सलाहकार एवं अध्यक्ष भी ये रहे । मुखर्जी का मनोनयन राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में यू.पी.ए, के द्वारा 15 जून, 2012 को हुआ । चुनाव 19 जुलाई, 2012 को एवं परिणाम 22 जुलाई, 2012 को घोषित हुई वे चुनाव जीते ।
भारत के मुख्य न्यायाधीश के द्वारा 25 जुलाई, 2012 को इन्हें शपथ दिलायी गयी । राष्ट्रपति बनने वाले यह प्रथम बंगाली हैं। प्रणव मुखर्जी ने 13 जुलाई, 1957 को सुवरा मुखर्जी से विवाह किया। इनके दो पुत्र और एक पुत्री है । इनका बड़ा पुत्र भी राजनीति में है । इनकी पुत्री एक कथक नृत्यांगना है । इनका शौक पढ़ना, बागवानी और संगीत है । सामाजिक क्षेत्र में इनका बड़ा है आदर मुखर्जी को बहुत-से सम्मान एवं उपाधियाँ मिली हैं । इन्हें विश्व के सर्वोत्तम वित्त- मंत्री एवं वित्तमंत्री ऑव एशिया का सम्मान भी मिला । भारत सरकार ने 2008 में इन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया।
वोल्वरहम्पटन विश्वविद्यालय ने इन्हें 'ऑनररी डॉक्टर
ऑव लेटर्स' की उपाधि 2011 में दी । असम विश्वविद्यालय ने 2012 में इनको ऑनररी डी०लिट् की उपाधि दी । मुखर्जी ने पुस्तकें भी लिखी है । इनकी लिखी पुस्तकें हैं : मिड टर्म पोल, वियोन्द सरवाईवल, इमर्जिंग डाइमेन्सनुस ऑव इण्डियन इकॉनोमि, ऑव द ट्रैक, सगा ऑव स्ट्रगल एण्ड सेक्रीफाइस, चैलेंज विफोर द नेशन । बेशक, मुखर्जी बहुमुखी प्रतिभा के व्यक्ति हैं । यह एक गतिशील व्यक्तित्व वाले हैं । उन्होंने अपने जीवन के एक-एक पल का साकारात्मक उपयोग किया है । एक छोटे पद से यात्रा करके आज भारत के सर्वोच्च पद पर पहुँच गये |
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