पं० जवाहरलाल नेहरू
पंडित जवाहर लाल नेहरू कौन थे ?
पंडित जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे । उनके दादा का नाम गंगाधर नेहरू और पिता का नाम मोतीलाल नेहरू था और माता का नाम स्वरूपरानी था, पंडित जवाहरलाल नेहरू एक धनाध परिवार के व्यक्ति थे, जिनका विवाह कमला नेहरू के साथ हुआ था । पंडित जवाहरलाल नेहरु की एकमात्र संतान उनकी पुत्री इंदिरा गांधी थी, जिनका शादी फिरोज गांधी के साथ हुआ । जवाहरलाल नेहरू एक गतिमान नेता ही नहीं बल्कि एक महान वक्ता और एक महान लेखक भी थे, कहा जाता है कि यदि वे राजनीति की ओर नहीं मुड़े होते, तो दुनिया के विख्यात लेखकों में से एक होते । उन्होंने अनेक पस्तकें लिखी । उनकी पुस्तकें-"भारत एक खोज" , "विश्व इतिहास की एक झलक" , "आत्मकथा और पिता का पत्र पुत्री के नाम" - उनकी लेखन-क्षमता को दर्शाता है |
पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म कब और कहां हुआ था ?
उनकी शिक्षा -
जवाहरलाल का जन्म 14 नवम्बर, 1889 को इलाहाबाद में हुआ था | प्रारंभिक शिक्षा इनको घर पर ही निजी शिक्षकों एवं आया के द्वारा मिली । बाद में उनका नामांकन ईंग्लैंड के हैरो पब्लिक स्कूल में कराया गया । हैरो एवं कैम्बरिज में उनकी शिक्षा-दीक्षा हुई । 1912 में उन्होंने कानून की डिग्री ली ।
पंडित जवाहर लाल नेहरू के पढ़ाई पूरी होने के बाद का काम -
इंग्लैंड में अपनी पढ़ाई पूरी कर पंडित जवाहर लाल नेहरू भारत वापस आकर उन्होंने इलाहाबाद (प्रयागराज) उच्च न्यायालय में वकालत शुरू किया। लेकिन वकालत की पेशा में उनकी रुचि नहीं थी ।उनकी रुचि राजनीति में थी ।जवाहरलाल ने राजनीति में सक्रिय भूमिका निभायी । वे महात्मा गाँधी के प्रिय शिष्य
बन गये ।
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलनों में पंडित जवाहर लाल नेहरू का योगदान -
बहुत कम समय में वे एक लोकप्रिय नेता बन गये । स्वतंत्रतासेनानियों के बीच वह एक महत्त्वपूर्ण व्यक्ति थे । लोगों से उन्हें प्रेम एवं सम्मान मिला । वे कांग्रेस के महासचिव बन गये । महासचिव के रूप में उन्होंने वर्षों तक सेवा की । वे बहुत-सी अन्य
समितियों से भी जुड़े हुए धे । पंडित जवाहरलाल नेहरू जागरूक, स्फूर्तिवान एवं ईमानदार थे । राष्ट्र के लिए वे
बहुत कष्ट सहे और अपना सबकुछ न्योछावर कर दिये । राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा अस्मरणीय है । वे अनेक बार जेल गये । उन्होंने जीवन के सभी ऐसा-आराम का त्याग कर दिया |
पंडित जवाहर लाल नेहरू की महानता और बच्चों से प्रेम -
पंडित नेहरू बच्चों से बहुत प्रेम करते थे । बच्चें उन्हें प्यार से "चाचा" कहके पुकारते थे | वे 'चाचा नेहरू' के रूप में याद किये जाते है । वे एक महान विद्वान ही नहीं थे, बल्कि भारतीय संस्कृति का उन्हें अच्छा ज्ञान था । उनका जन्मदिन प्रत्येक वर्ष बड़े सम्मान एवं उत्साह के साथ मनाया जाता है संपूर्ण भारत में "बाल दिवस" के रूप में मनाया जाता है ।
1955 में पंडित जवाहर लाल नेहरू को भारत रत्न से सम्मानित किया गया |27 मई 1964 इ को पंडित नेहरू की मृत्यु हो गई (दिल की दौरा पड़ने से) |
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