चीन अब तक किन - किन देशों से और कितना युद्ध हारा है | लगातार 100 वर्षो तक युद्ध में हारने वाला देश चीन का युद्ध इतिहास
China जिससे कई बर्षों से भारत (India) के साथ सीमा विवाद चल रहा है | चीन हमेशा आगे से दोस्ताना चेहरा दिखाता है और पीछे से चाल चलता है | चीन जो अभी भारत को अपनी टेढ़ी आँखे दिखा रहा है, उसने भी कई देशों से युद्ध हारे हैं | एक नहीं कई - कई युद्ध हारा है | केवल एक नहीं कई देशों ने हराया है | ब्रिटेन ने तो उसे लगातर सौ बर्षों तक रौंदा था | जिसे चीन के लोग उस समय को अपना "अपमान का सौ वर्ष" मानते हैं |
चीन को युद्ध में कब - कब और किस देशों ने हराया है ?
ब्रिटेन और चीन के बीच युद्ध -
ब्रिटेन और चीन के बीच 19 वीं शताब्दी के मध्य में दो युद्ध लड़ा गया | जिसे 'अफीम युद्ध' के नाम से जाना जाता है | इस युद्ध में ब्रिटेन ने चीन को बुरी तरह से हराया था | ब्रिटेन ने इन दोनों युद्धों मे चीन को बुरी तरह से रौंद्ध दिया | इतना ही नहीं अगले 100 वर्षों तक रौंदता रहा | इस सौ साल अवधि को चीन के लोग अपना अपमान के 100 वर्ष मानते हैं | जिसे आजतक चीन भूलकर भी नहीं भूल पाता है | ब्रिटेन कभी भी चीन के विचारों का पक्षधर नहीं रहा है |
रूस और चीन के बीच युद्ध -
रूस और चीन के बीच 1969 ई में आमूर और उसुरी नदी के तट पर युद्ध लड़ा गया था | जिसमें रूस ने भी चीन को धो डाला | रूस के सैन्य शक्ति के आगे चीन को झुकना पड़ा | इस युद्ध में रूस ने चीन को परमाणु हमले की धमकी दे डाली | जिससे चीन को पीछे हटना पड़ा | जिसके बाद जहां तक रूस ,चीन में चढ आया था |वहां तक रूस का ही कब्जा है | अभी तक चीन को अपने उस जमीन की आह नहीं जाता है | अभी भी चीन उस जमीन को अंदर - ही - अंदर रूस से वापस लेने की मनसा रखता है या चाहता है |
जापान - चीन के बीच युद्ध -
चीन और जापान के बीच 1894 से 1895 तक युद्ध हुआ | यह युद्ध कोरिया पर प्रशासनिक तथा सैन्य नियंत्रण को लेकर लड़ा गया था। इस युद्ध में भी चीन को हरना पड़ा | जापान की मेइजी सेना इसमें विजयी हुई थी | जापान से मिली हार के बाद चीन को बहुत अपमान झेलना पड़ा था | इसके बाद चीन और जापान के बीच 1937 से 1945 के बीच लड़़ा गया | जिसमें जापान ने चीन की राजधानी नानजिंग पर हमला कर दिया | उस समय चीन की राजधानी नानजिंग हुआ करता था | जिसमें जापान ने बहुत कत्ल्लेआम हुआ | औरतो के साथ बलात्कार भी किया गया | जापान ने चीन की शंघाई शहर पर भी कब्जा कर लिया | इस युद्ध में चीन को मिली हार चाईनिज कभी नहीं भूला पाते हैं |
इसके अलावा ताईवान के साथ भी चीन का संघर्ष अभी तक जारी रखता है | ताईवान के साथ चीन का राजनीतिक विचारों को लेकर मतभेद रहता है | ताईवान एक छोटा सा देश है | जो चीन का पड़ोसी मुल्क भी है | लेकिन चीन से जरा भी नहीं डरता और चीन के धमकियों को डटकर सामना करताा है | ताईवान के लोकतांत्रिक देश है जबकि चीन के सत्ता पर कम्युनिस्ट पार्टी का कब्जा है | इसलिए चीन की कम्युनिस्ट पार्टी डरती है कि कहीं पड़ोसी देश ताईवान से लोकतांत्रिक हवा चीन में न बहने लगे | जिससे प्रेरणा पाकर चीन के लोग लोकतंत्र की माँग न करने लगे | जिससे वहां की कम्युनिस्ट पार्टी की बोरिया - बिस्तरा बंध जाएगा | द्वितीय विश्व युद्ध के बाद चीन में क्रांति हो गया | जिससे वहाँ के सत्ता पर काबिज नेताओं या राजवंश को चीन छोड़कर जाना पड़ा था और वे ताईवान जाकर बस गए | इससे भी दोनों देशों के बीच मतभेद रहता है |
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